Monday, December 26, 2022

रात कही खो गयी

रात कही खो गयी सपनो की नींद सो गयी दिन के उजालो ने जो गम दिए सपनो की हसीं दुनिया ने उस पे मरहम लगा दिए मिलने की जुस्तजू जो कभी हक़ीक़त न हुई ख्वाबो की दुनिया ने उससे भी मिला दिया वक़्त के हर गम को मिटा दिया मोहबत का मरहम लगा दिया जो हक़ीक़त में कभी ना मेरा हो पाया ख्वाबो में उसे हक़ीकत बना दिया

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