मेरे देश तुझे क्या अर्पण करू
मै तो इस लायक भी नहीं
कि ये कह दू की ये साँसे
तुझे अर्पित है
कि ये मेरा तन ये मेरा मन
तुझे अर्पित है। …
मेरे देश तुझे क्या अर्पण करू
मै तो इस लायक भी नहीं। …
कि जो चीज तेरी ही है
तूने ही दी है हमें
तो उसको तुझे ही कैसे करू अर्पण
की मेरा ये जीवन
मेरा मरण सब कुछ तो पहले
से ही तेरा है
तो तेरी ही चीज
कैसे तुझे अर्पण करू। ।
एक ही कामना है
एक ही प्रार्थना है।
विश्व में तू सर्वश्रेष्ठ रहे
ना रहे
शक्तिमान बने
ना बने
पर वसुधैव कुटंबकम की
लाज सदा रखे
विश्व को धर्म का ज्ञान
मानवता के सम्मान
की शिक्षा सदा देता रहे। ....
अन्धकार से प्रकाश
बुराई से अच्छाई
और मृत्यु से जीवन
पर विजय का ज्ञान देता रहे। …।
हे मेरे देश
हे मेरे महान देश
तेरा गौरव सदा बना रहे
मुझे क्षमा कर देना
मेरी अकर्मण्यता पर
मुझे क्षमा कर देना
मेरी अकृतज्ञता पर। ।
तेरा आशीर्वाद सदा
हम पर बना रहे
हर जनम में बस
तू ही मुझे मिले
हे मेरे देश
हे मेरे महान देश
तेरा गौरव सदा बना रहे
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