दो पाथेय मुझे या कर दो शांत मुझे
नहीं बैठ सकता हूँ
होकर कर्म विहीन
चाहता हूँ सत्य के पथ पर
अग्रसर रहना
निरंतर बनके सत्यान्वेषी
उस परम सत्य को समझना
दो पाथेय मुझे
या कर दो शांत मुझे
हूँ मै सुर-जा पुत्र
नहीं कर सकता असुरता का कर्म
इन राग द्वेष से दूर
चाहता हूँ प्रेम के पथ पर
आगे बढ़ना
दो पाथेय मुझे
या कर दो शांत मुझे। ....
नहीं बैठ सकता हूँ
होकर कर्म विहीन
चाहता हूँ सत्य के पथ पर
अग्रसर रहना
निरंतर बनके सत्यान्वेषी
उस परम सत्य को समझना
दो पाथेय मुझे
या कर दो शांत मुझे
हूँ मै सुर-जा पुत्र
नहीं कर सकता असुरता का कर्म
इन राग द्वेष से दूर
चाहता हूँ प्रेम के पथ पर
आगे बढ़ना
दो पाथेय मुझे
या कर दो शांत मुझे। ....
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